शहीदों के परिवारों की बात
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नमस्कार! मैं हूं कमलेश भट्ट, IMFWA यानि भारतीय शहीद परिवार कल्याण संघ की तरफ से।
अभी मैं जो आपको बताने जा रहा हूं उसका लक्ष्य किसी को बदनाम करने का नहीं हैं, खास कर के करोड़ों दिलों पर राज करने वाले हमारे अभिनेताओं को तो बिल्कुल नहीं । पर क्या कोई इंसान शहीदों के परिवारों को मदद करने का वादा कर के फिर वो मदद बिल्कुल न करे, या फिर आधी_ अधूरी मदद कर के उन्हें भूल जाए, तो वो सेलिब्रिटी हो या कोई सामान्य इंसान, उससे पाप नहीं हुआ क्या? क्या उन्हें ऐसा करने के लिए शहीदों के परिवारों की क्षमा नहीं मांगनी चाहिए?
जी मैं बात कर रहा हूं पुलवामा हमले के बाद क्या हुआ उसकी। दो हजार उन्नीस 2019 के फरवरी महीने की चौदह तारीख को कश्मीर के पुलवामा क्षेत्र में एक ट्रक में बड़ा सा धमाका हुआ जिसमें भारतीय सशस्त्र सेना का एक हिस्सा कहलाने वाले CRPF यानी कि सेंट्रल रिजर्व पुलिस फॉर्स के 40 जवान शहीद हो गए। ये घटना इतनी तीव्र थी कि पूरा भारतवर्ष शोक में डूब गया। कई लोग इन शहीदों के परिवारों को मदद करने की अपनी इच्छा जताने लगे जिसमें सेलिब्रिटी लोग गौतम गंभीर, अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, महेंद्र सिंह धोनी भी शामिल थे।
Imfwa एक छोटी सी संस्था हैं जो कि शहीदों के परिवारों को ऐसे हादसे के पश्चात योग्य सहायता उनके घर तक पहुंचती हैं या नहीं, वो देखने का काम करती हैं। इसी अंतर्गत मैं मई 2019 में, महाराष्ट्र के बुलदाना जिले में स्थित एक गांव पहुंचा, जहां पर इन्हीं 40 शहीदों में से एक शहीद नितिन राठौड़ जी का घर आया हुआ हैं। माहौल काफी गमगीन था। शहीद नितिन राठौड़ के भाई प्रवीण राठौड़ जी से मैंने जो बातचीत की उसका मैने वीडियो बना लिया। उस वक्त उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार की तरफ से उनको आर्थिक सहायता मिल चुकी हैं, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें अब तक कुछ भी नहीं मिला! इसके अलावा उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि, "गौतम गंभीर ने जो हरेक परिवार को 15 लाख देने का वादा किया था, उसमें से किसी को कुछ नहीं मिला। अक्षय कुमार ने, जो भी भारत वीर फंड के ऐप के माध्यम से जो भी फंड देने की बात की थी, वो भी इन 3 महीनों में कुछ नहीं मिला।"
उसके बाद 2019 से लेकर 2025 तक प्रवीण राठौड़ जी का संपर्क नहीं हो पाया, उनके निजी मामलों की वजह से। तारीख 17 दिसंबर 2025 को उनका फोन मुझे आया जिसमें उन्होंने बताया कि "पुलवामा हमले के करीब 7 साल गुज़र जाने के बाद, सिर्फ एक दो चीजों को छोड़ के उन्हें कोई सहायता नहीं मिली हैं अब तक! केवल महाराष्ट्र की राज्य सरकार ने उन्हें मदद की हैं, अमिताभ बच्चन की तरफ से सभी शहीद परिवारों को 5 लाख (प्रति परिवार) की धनराशि प्राप्त हुई हैं। पर इसके अलावा अभी तक, पुलवामा हमले के 7 साल बाद भी, किसी भी शहीद परिवार को केंद्र सरकार की तरफ से, जो उन्होंने 25 लाख प्रति परिवार देने का वादा किया था, उसमें से उन्हें फूटी कौड़ी नहीं मिली। (यहां में आपको बीच में बता दूं, की न केवल नितिन राठौड़ जी के भाई बल्कि अन्य पुलवामा शहीदों के रिश्तेदारों का भी ये ही कहना हैं कि उन्हें कोई भी सहायता केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक नहीं मिली) इसके अलावा सभी 40 शहीद परिवारों को एक एक एकड़ जमीन देने की बात जो केंद्र सरकार ने की थी, उसमें से भी कोई जमीन किसी को भी नहीं मिली। सभी परिवारों को एक एक पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी देने की बात की गई थी केंद्र सरकार के द्वारा, पर उसमें से भी कुछ नहीं मिला। पुलवामा शहीदों का स्मारक बनाने की बात हुई थी पर वो भी नहीं बन पाया हैं। इसके अलावा क्रिकेटर गौतम गंभीर ने जो 15 लाख की आर्थिक सहाय प्रति परिवार देने की घोषणा की थी उसमें से भी कुछ नहीं दिया उन्होंने। फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने भारत वीर फंड ऐप के माध्यम से सभी शहीद परिवारों को जो फंड देने की बात की थी, उसमें से कुछ भी नहीं मिला हैं।"
हमारी टीम के संशोधन से पता चला हैं कि विख्यात क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने पुलवामा हादसे के तुरंत बाद पूरे 40 परिवारों को कुल मिला के 7 करोड़ का अनुदान देने की बात की थी, पर प्रवीण राठौड़ जी की बात माने तो उसमें भी कोई अनुदान उन्हें प्राप्त नहीं हुआ हैं, अभी तक।
अब मुद्दे की बात ये हैं कि किसी भी इंसान के लिए अपनी जान से ज्यादा और कुछ भी ज्यादा महंगा नहीं होता। शहीद लोग अपनी उस बेस _किस्मती जान की भी परवा नहीं करते है, देश की सुरक्षा की खातिर। किस लिए? इसलिए की हम सब लोग, भारत के नागरिक, रात को चैन की नींद, आराम से सो सके। ऐसे महान शहिद की मौत के बाद इस देश के हरेक नागरिक का कर्तव्य बनता हैं कि चाहे वो स्वयं उनके परिवारों को आर्थिक सहायता कर सके या ना कर सके, किंतु कमसेकम बड़ी आर्थिक सहायता देने का वचन दे कर, बाद में उस वचन से मुकर न जाए, मुंह न फेर ले। क्योंकि ऐसा करना, देश के शहीदों को धोखा देने जैसे होगा और ये एक घटिया से घटिया स्तर का पाप नहीं तो और क्या हैं? फिर चाहे तुम कोई बड़ी सेलिब्रिटी हो, या कोई सामान्य नागरिक। अगर तुम्हें आर्थिक सहायता नहीं देनी थी तो पहले तुमने बड़े बड़े वादें क्यों किए? कि मैं 15 लाख दूंगा, मैं उनके सभी बच्चों की पूरी पढ़ाई का खर्चा लेता हूं ...वगैरह वगैरह...😡
शर्म आनी चाहिए उन सभी को जो पहले सहाय की बात कर के फिर उसे पूरा नहीं कर सकते, फिर चाहे वो सेलिब्रिटी हो या और कोई....😡😡😡
इस वीडियो से मैं केंद्र सरकार के संलग्न मंत्री को ये बिनती करता हूं कि "साहब, आप कुछ करें इस मामले में। कमसेकम 1 एकड़ जमीन देने की बात हैं वो और 25 लाख प्रति परिवार देने की बात हैं वो _ ये दोनों बातें अगर अपने सही अंजाम तक पहुंच जाए तो इन शहिद परिवारों के लिए बहुत अच्छा रहेगा। गौतम गंभीर, अक्षय कुमार, महेंद्र सिंह धोनी, से अपील हैं कि आप लोगोंने जो भी रकम देने/ दिलवाने के वादें किए थे उन्हें पूरा करें। 🙂🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय हिंद!
_ कमलेश विजय भट्ट (IMFWA स्थापक, लेखक)
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